पंखों की तकरार: मैना पक्षियों की नोकझोंक
पंखों की तकरार: मैना पक्षियों की नोकझोंक को कैद करते हुए
#BirdPhotography #NatureDrama
कल्पना कीजिए कि आप अपनी बालकनी में एक शांत दोपहर का आनंद ले रहे हैं, तभी अचानक ऊपर से एक ज़ोरदार बहस सुनाई देती है। यह शोर आपके पड़ोसियों का नहीं, बल्कि दो लड़ते हुए मैना पक्षियों का है! उनकी तीखी चहचहाहट ने मेरी जिज्ञासा जगा दी, और एक फोटोग्राफर की नज़र से देखते हुए, मैंने अपना कैमरा उठाया और इस पक्षी संघर्ष को शानदार ढंग से कैद किया।
हाई-ज़ूम लेंस ने पृष्ठभूमि को धुंधला कर दिया, जिससे पूरा ध्यान इन जोशीले पक्षियों पर केंद्रित हो गया। लेकिन आखिर ऐसी गरमागरम बहस की वजह क्या थी? जब मैंने ध्यान से देखा, तो कारण स्पष्ट हो गए।
झगड़े की वजहें:
- क्षेत्र की रक्षा: इंसानों की तरह मैना भी प्रजनन के मौसम में अपने घोंसले की रक्षा करने के लिए आक्रामक हो जाते हैं।
- भोजन की होड़: कभी-कभी बस कुछेक टुकड़ों की खातिर भी इन पक्षियों के बीच झगड़ा छिड़ सकता है, खासकर जब भोजन की उपलब्धता कम हो।
- प्रेम त्रिकोण: साथी पाने की होड़ में नर मैना बेहद आक्रामक हो सकते हैं और अपनी संभावित साथी की सुरक्षा के लिए दूसरों से भिड़ जाते हैं।
झगड़े से आगे:
इनकी तकरार देखने में चाहे कितनी भी मज़ेदार लगे, लेकिन मैना सामाजिक पक्षी होते हैं। आमतौर पर, ये झुंड में भोजन की तलाश करते हैं। हालांकि, इनकी सामाजिकता का एक अंधेरा पक्ष भी है—प्रजनन के मौसम में नर मैना बड़े क्षेत्र पर अधिकार कर लेते हैं, जिससे अन्य देशी पक्षियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं।
मैना की खासियतें:
यह मध्यम आकार के पक्षी विभिन्न रंगों में पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ के सिर पीले होते हैं। इनकी संवाद कुशलता अद्भुत होती है—ये खरखराहट, चीख, सीटी और यहाँ तक कि गुर्राने जैसी ध्वनियाँ भी निकाल सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश झगड़े केवल दो पक्षियों के बीच होते हैं, जबकि उनके साथी किनारे पर खड़े होकर शोर मचाते रहते हैं।
मैना: एक अनोखा पक्षी
अपनी प्रतिस्पर्धी प्रवृत्ति के बावजूद, जब किसी बड़े शिकारी का खतरा होता है, तो मैना अपने मतभेद भूलकर मिलकर रक्षा करती हैं। ये बुद्धिमान पक्षी पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और खतरा भांपते ही अपने साथियों को सचेत कर देते हैं।
अंधविश्वास से दोस्ती तक:
ऐसा माना जाता है कि अकेली मैना दिखना अशुभ होता है, जबकि दो मैना दिखना सौभाग्य का प्रतीक होता है। यह उनकी सामाजिक प्रवृत्ति को दर्शाता है। मैना इंसानों के साथ भी गहरी मित्रता बना सकती हैं और कुछ प्रजातियाँ इंसानों की तरह बोलने की कला भी सीख सकती हैं।
झगड़े से आगे:
मेरी ली गई तस्वीर, जिसका शीर्षक "गंभीर बहस" है, मैना के झगड़े की सजीव झलक प्रस्तुत करती है। ये पक्षी केवल झगड़ालू नहीं, बल्कि बुद्धिमान और सामाजिक जीव हैं, जिनकी अपनी अनूठी कहानी है।
📸 तस्वीर में: दो मैना आपस में झगड़ते हुए
✍ लेख व फोटो: अशोक करन
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Wonderful post.
जवाब देंहटाएंAmezing shot.
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