तेलियागढ़ी किला – बंगाल के इतिहास का भूला-बिसरा द्वार

 






तेलियागढ़ी किलाबंगाल के इतिहास का भूला-बिसरा द्वार

📍 साहिबगंज, झारखंड
✍️ लेख एवं छायाचित्रअशोक करण
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परिचय:

झारखंड के पूर्वी पहाड़ियों में छिपा हुआ है तेलियागढ़ी किला, जो आज तो खंडहर बन चुका है, लेकिन एक समय भारत के मध्यकालीन सत्ता संघर्षों में इसकी अहम भूमिका थी। हाल ही में इतिहासकार एवं लेखक बृजेश जी के साथ यात्रा के दौरान मुझे इस ऐतिहासिक धरोहर को देखने का अवसर मिला।


मेरी यात्रा:

साहिबगंज से राजमहल की ओर जाते समय, बृजेश जी ने एक स्थान पर गाड़ी रुकवाने को कहा। जैसे ही हम आगे बढ़े, जंगल के बीच एक प्राचीन किले के अवशेष नजर आने लगे। हमने लगभग एक घंटे तक इन खंडहरों की छानबीन की और कुछ तस्वीरों में इसे संजोया।


तेलियागढ़ी किले का ऐतिहासिक महत्व:

यह किला साहिबगंज से लगभग 9 किमी और रांची से 445 किमी दूर स्थित है। इसे एक तेली ज़मींदार ने बनवाया था, जो बाद में शाहजहां के शासनकाल में इस्लाम धर्म अपना लिया। किले के पास ही मां रक्षास्थान का मंदिर भी स्थित है, जिसका निर्माण वर्ष 1819 में हुआ था।

तेलियागढ़ी मध्यकाल में एक महत्वपूर्ण सामरिक मार्ग बन गया था, जहाँ से उत्तर भारत की सेनाएं बंगाल की ओर कूच करती थीं। इस स्थान से जुड़े कुछ प्रमुख ऐतिहासिक घटनाक्रम:

  • 1538 में बख्तियार खिलजी का बंगाल की ओर अभियान
  • शेरशाह सूरी और हुमायूं के बीच निर्णायक युद्ध
  • राजकुमार खुर्रम (बाद में सम्राट शाहजहाँ) का इब्राहिम खान के साथ संघर्ष

साहिबगंज की जनजातीय संस्कृति:

साहिबगंज की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि आदिवासी संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई है। माल पहाड़िया जनजाति यहां के मूल निवासी हैं, जो आज भी राजमहल की पहाड़ियों में बसे हुए हैं।

यहाँ की प्रमुख जनजातियाँ:

  • संथाल: झारखंड की सबसे बड़ी जनजाति, जो बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी पाई जाती है।
  • बंजारा: एक छोटी जनजाति, जो मिट्टी की दीवारों और घासफूस की छतों वाले घरों में रहती है।

साहिबगंज शहर का एक ऐतिहासिक स्थल हैभगवा कुआं, जिसे 1915 में एडवर्ड सप्तम की स्मृति में बनवाया गया था। यह कुआं आज भी स्थानीय लोगों के लिए पेयजल का स्रोत है।


निष्कर्ष:

यद्यपि आज यह किला खंडहर बन चुका है, फिर भी यह सदियों की गाथाओं का मूक साक्षी बना खड़ा है। इतिहास प्रेमियों, यात्रियों और सांस्कृतिक शोधकर्ताओं के लिए यह स्थल भारत के अतीत से जुड़ने का एक शानदार अवसर प्रस्तुत करता है।


📷 तस्वीरों का विवरण

  1. साहेबगंज में तेलीयागढ़ी किले से गुजरती हुई ट्रेन।
  2. तेलीयागढ़ी किले से ली गई तस्वीर, जिसमें साहेबगंज में ट्रेन गुजरती हुई दिखाई दे रही है।
  3. साहेबगंज स्थित तेलीयागढ़ी किले के खंडहर।
  4. साहेबगंज में तेलीयागढ़ी किले का विस्तृत दृश्य।
  5. साहेबगंज में तेलीयागढ़ी किले के खंडहर का एक और दृश्य।

 लेख चित्रअशोक करण
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