संगीत: एक सार्वभौमिक भाषा

 

संगीत: एक सार्वभौमिक भाषा 🎶✨

एक रविवार की बात है, जब मैं ऑस्ट्रेलिया के न्यूकैसल शहर के जीवंत संडे बाज़ार में अपने बेटे और पोते के साथ घूम रहा था। बाज़ार की हलचल भरी ऊर्जा में मैं पूरी तरह खो गया था। वहाँ के स्टॉल ताज़ी और रंग-बिरंगी सब्जियों से भरे हुए थे, और हवा में स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड की खुशबू फैली हुई थी। मैं अपने कैमरे से इस चहल-पहल भरे दृश्य को कैद कर ही रहा था कि मेरी नज़र कुछ स्ट्रीट म्यूज़ीशियंस पर पड़ी, जो बड़े-बड़े वाद्ययंत्रोंगिटार, सैक्सोफोन आदिपर मधुर धुनें बजा रहे थे। उनकी आत्मीय धुनों ने भीड़ को मंत्रमुग्ध कर दिया था, और राहगीर दिल खोलकर उनकी टोपी में सिक्के और नोट डाल रहे थे।

संगीत: सीमाओं से परे एक जादू 🎼💫

इस क्षण ने मुझे मेरे अपने वतन की याद दिला दी, जहाँ रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और स्थानीय बाज़ारों में भी संगीत की गूंज सुनाई देती है। संगीत की ताकत सीमाओं को लांघ जाती हैयह लोगों को आकर्षित करता है, भावनाओं को झकझोरता है और एक ऐसा जुड़ाव पैदा करता है, जिसे शब्द अक्सर बयां नहीं कर सकते।

हालाँकि हर कोई संगीत में निपुण नहीं होता, लेकिन मधुर धुनों में मन को सुकून देने और ध्यान आकर्षित करने की शक्ति होती है। इतिहास में ऐसे कई संगीत दिग्गज हुए हैंजैसे कि सम्राट अकबर के दरबार के प्रसिद्ध गायक तानसेन, जिनकी जादुई आवाज़ के बारे में कहा जाता है कि वह पत्थरों को पिघला सकती थी और बारिश बुला सकती थी।

आज भी, हम ऐसे स्ट्रीट परफॉर्मर्स को देखते हैं, जो अपनी प्रतिभा के बल पर रातों-रात मशहूर हो जाते हैं:
🎤 रानू मंडलपश्चिम बंगाल के राणाघाट रेलवे स्टेशन पर गाने वाली यह महिलाएक प्यार का नगमा हैगाकर 2019 में इंटरनेट सेंसेशन बन गईं।
🎻 कैरोलीना प्रोत्सेंको—15 वर्षीय यूक्रेनी वायलिन वादक, जिन्होंने सैंटा मोनिका की सड़कों पर परफॉर्म कर पूरी दुनिया का दिल जीत लिया।
👨‍🎤 एक नेत्रहीन गायक, जो बिहार की लोकल ट्रेनों में मोहम्मद रफी के अमर गीत गाकर गरीब लड़कियों की शादी के लिए धन इकट्ठा करते थे।

सड़कों से शोहरत तक 🌟

आज के आधुनिक कलाकार भी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। मैथिली ठाकुर, राधा श्रीवास्तव, और कई इंडियन आइडल प्रतियोगियों ने सड़कों से लेकर बड़े मंचों तक अपने सफर को तय किया है और अपार प्रसिद्धि पाई है। एक और अनोखी कलाकार लिपिका सामंता ने सैक्सोफोन के जरिए पूरे भारत में श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है।

हर सुर में बसती है यादें 🎵❤️

आज भी 1960 और 70 के दशक के स्वर्ण युग के बॉलीवुड गाने अमर हैं:
🎶 मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू
🎶 रूप तेरा मस्ताना



🎶 एहसान तेरा होगा मुझ पर
🎶 बदन पे सितारे लपेटे हुए

उस दौर में मोहम्मद रफ़ी, मुकेश, लता मंगेशकर और किशोर कुमार जैसे दिग्गजों का राज था, जैसे आज के संगीतकार अपनी नई पीढ़ी के लिए अनमोल धुनें रच रहे हैं।

🎼 संगीत सच में एक सार्वभौमिक भाषा हैजो लोगों को जोड़ती है, भावनाओं को जागृत करती है, और उन कहानियों को बयान करती है, जिन्हें केवल शब्दों से कहना संभव नहीं।

📸 चित्र में: न्यूकैसल, ऑस्ट्रेलिया के संडे बाज़ार में संगीतकार।
📍 लेख एवं फोटो: अशोक करण
🌐 ashokkaran.blogspot.com
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