गुजरात के वॉथा मेले की एक जीवंत यात्रा
गुजरात के वॉथा मेले की एक जीवंत यात्रा (#VauthaFair #Gujarat)
अहमदाबाद, गुजरात में अपने साले के घर जाने पर, मैंने एक छिपा हुआ रत्न खोजा – वॉथा मेला। कुछ मीडिया मित्रों की बदौलत, मैंने इस जीवंत और रंगीन आयोजन के बारे में जाना, जो वॉथा गाँव में हर साल पाँच दिनों तक आयोजित होता है।
यह मनमोहक मेला हर साल 500,000 से अधिक लोगों को आकर्षित करता है और कार्तिक पूर्णिमा की रात (आमतौर पर नवंबर में) के साथ मेल खाता है। साबरमती और वत्रक नदियों के संगम (जिसे सप्तसंगम भी कहा जाता है) पर आयोजित यह मेला समृद्ध परंपराओं का गढ़ है।
आस्था और व्यापार का उत्सव (#Mythology #Pilgrimage #Trading)
भगवान कार्तिकेय (शिव और पार्वती के पुत्र) को समर्पित वॉथा मेला गुजरात का सबसे बड़ा पशु मेला है। यहां हजारों गधों और ऊंटों का व्यापार होता है, जो बंजारा (घुमंतु) व्यापारियों को आकर्षित करता है। खाने के स्टॉल, सड़क के विक्रेता और बाजीगर मेले के उत्साह को और बढ़ाते हैं।
व्यापार के अलावा, मेले का गहरा धार्मिक महत्व है। तीर्थयात्री पवित्र नदी में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाने की प्रार्थना करते हैं। धार्मिक भावना और व्यापारिक गतिविधि का यह अनूठा मिश्रण वॉथा मेले को वास्तव में खास बनाता है।
मेले की झलक (#Photography #Culture)
मेरी एक दिन की यात्रा देखने और सुनने के अनुभवों से भरपूर थी। पारंपरिक पोशाक में सजे हुए ग्रामीणों ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया। मैंने इन खास पलों को अपने कैमरे में कैद किया:
- साबरमती नदी में आशीर्वाद मांगते तीर्थयात्री (चित्र 1)।
- अपनी प्यास बुझाता एक भव्य ऊंट (चित्र 2)।
- मेले की चमक बढ़ाती एक युवा बंजारा लड़की (चित्र 3)।
- प्रदर्शन पर रखे गए बेहतरीन हस्तनिर्मित सामान (चित्र 4)।
- गधों को आकर्षित रूप से सजाती कुशल बंजारा महिलाएं (चित्र 5)।
- नए मालिकों की प्रतीक्षा करते गधे – मेले के सितारे (चित्र 6)।
- रंगीन मीना बाजार में खरीदारी करती महिलाएं (चित्र 7)।
- एक बंजारा व्यक्ति का मनमोहक चित्र (चित्र 8)।
- शाम को साबरमती नदी में हलचल मचाते लोग (चित्र 9)।
यादगार मेला (#Travel)
बिहार के सोनपुर मेले की याद दिलाने वाला, हालांकि छोटे पैमाने पर, वॉथा मेला ऊर्जा और रंगों से भरपूर है। रंगीन और सजे-धजे गधे एक अनोखी दृष्टि पेश करते हैं।
जो भी गुजरात में सांस्कृतिक अनुभव लेना चाहते हैं, उनके लिए वॉथा मेला जरूर देखने लायक है। यह मेला आसानी से सुलभ है – अहमदाबाद हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन क्रमशः केवल 10 और 6 किलोमीटर की दूरी पर हैं।
अपनी यात्रा की योजना बनाएं
वॉथा मेले की जादुई दुनिया का अनुभव लेने के लिए प्रेरित हैं? अपनी यात्रा की योजना बनाने में मदद के लिए यहां कुछ जानकारी दी गई है:
- तिथियां: वॉथा मेला आमतौर पर कार्तिक पूर्णिमा की रात (अक्सर नवंबर में) आयोजित होता है।
- स्थान: वॉथा गाँव, गुजरात, भारत।
- यातायात: अहमदाबाद हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन पास में हैं।
वॉथा मेले के रंग और जीवंतता आपको सांस्कृतिक समृद्धि की दुनिया में ले जाएंगे!
टेक्स्ट और फोटो: अशोक करण, Ashokkaran.blogspot.com
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Amezing post of Gujarat mela.
जवाब देंहटाएंWonderful shots.
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